Zobox Success Story: इस Startup ने पुराने Smartphones से बना डाला 50 करोड़ से जयादा का बिजनेस

Zobox Success Story

Zobox Success Story: आज हमारा देश भारत Startups के मामले में तीसरा सबसे बड़ा देश है। रोजाना नए स्टार्टअप भारत में शुरू हो रहे हैं और कई स्टार्टअप तो आज के समय में यूनिकॉर्न (Unicorn) भी बन चुके हैं। यहां यूनिकॉर्न (Unicorn) का मतलब है कि जब किसी स्टार्टअप की वैल्यू एक बिलियन डॉलर से ज्यादा हो जाती है तो वह Startup Unicorn बन जाता हैं। आज हम एक ऐसे स्टार्टअप की बात करने जा रहे है जो पुराने मोबाइल फ़ोन से करोड़ो का बिज़नेस बना डाला।

Zobox  दिल्ली स्थित एक ऐसा स्टार्टअप है जो रीफर्बिश्ड मोबाइल फ़ोन का बिज़नेस करता है और वो भी लगभग आधी कीमत पर। इस स्टार्टअप की  शुरुआत साल 2020 में हुई थी।  इस स्टार्टअप के फाउंडर नीरज चोपड़ा जबकि विवेक बंसल और नवीन गौड़ को-फाउंडर हैं।

कैसे हुई Zobox की शुरुवात:

कैसेहुई Zobox कीशुरुवात: नीरज चोपड़ा का जन्म भारत के दिल्ली शहर में हुआ था। नीरज के पिता हांगकांग (Hongkong) में एक्सपोर्ट इंपोर्ट का बिजनेस करते थे और इसी कारण नीरज जब 18 साल के हुए तो साल 2000 में वह अपने पिता के पास हांगकांग चले गए। नीरज चोपड़ा का पालन-पोषण हांगकांग में हुआ था और उनके पास इलेक्ट्रॉनिक्स में अच्छा-खासा अनुभव था। फिर जब वे भारत लौटे तो उन्होंने इसी सेक्टर में अपना खुद का वेंचर शुरू करने का फैसला किया।

भारत आने के बाद नीरज ने देखा कि भारत में पावर बैंक की डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ रही है और नीरज ने हांगकांग से पावर बैंक को इंडिया में इंपोर्ट करवाना शुरू कर दिया, फिर उन्होंने यहां पे 5 सालों तक पावरबैंक और इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स का कारोबार करने के बाद साल 2020 में उन्होंने खुद की कंपनी बनाने का निर्णय किया और यहीं से उनके Zobox स्टार्टअप की शुरुआत होती है।

Zobox Success Story का बिज़नेस मॉडल

Zobox Success Story का बिज़नेस मॉडल: Zobox एक B2B और B2C इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांड है  और इसके प्रोडक्ट्स रेंज में ऐप्पल, सैमसंग, गूगल जैसे प्रसिद्ध ब्रांड शामिल हैं। Zobox ने रीफर्बिश्ड इलेक्ट्रॉनिक्स मार्केट को पूरी तरह से बदल दिया।  नीरज बताते है की हमारा मिशन इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट को कम करना और किफायती कीमतों पर हाई क्वालिटी वाले पुनर्निर्मित उपकरण उपलब्ध कराना है। आज Zobox ने तेजी से पुनर्निर्मित मोबाइल फोन में अग्रणी के रूप में पहचान बना ली है।

Zobox बन चुकी है करोड़ों की कंपनी!

कोरोना काल में शुरू हुई Zobox कंपनी आज करोड़ों की बन चुकी है। Zobox ने अभी तक कोई बाहरी फंडिंग नहीं जुटाई है और यह अभी तक बूटस्ट्रैप्ड कंपनी है।  नीरज ने व्यक्तिगत रूप से इसमें 80 लाख रुपये का निवेश किया है और कंपनी के टर्नओवर की बात करें तो इस समय Zobox कंपनी का टर्नओवर 50 करोड रुपए तक पहुंच गया है।

Zobox Success Story Summary:

शीर्षकविवरण
नीरज चोपड़ा का पृष्ठभूमिइलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में 15 से अधिक वर्षों का अनुभव, देशव्यापी और अंतरराष्ट्रीय दोनों। भारत में पुनर्नवीनीकृत गैजेट्स उद्योग में पहले आने वाले।
Zobox का शुभारंभ और विकास2020 में एक गतिशील बी2बी इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांड के रूप में स्थापित। पुनर्नवीनीकृत मोबाइल फोनों पर विशेषज्ञता। पुनर्नवीनीकृत मोबाइल फोनों के बाजार में नेतृत्व की भूमिका निभाते हुए।
पुनर्नवीनीकृत गैजेट्स का भविष्यबजट-मित्रता और पर्यावरण-संवेदनशीलता के कारण बढ़ती मांग।
सफलता का मंत्रबजट-मित्र लागत पर उत्कृष्ट पुनर्नवीनीकृत गैजेट्स प्रदान करने की प्रतिबद्धता, गुणवत्ता, नवीनता और नवीनतम मॉडलों पर ध्यान केंद्रित करना।
Zobox की पर्यावरण सततता के योगदानपर्यावरणीय सततता के प्रति गहरा प्रतिबद्धता।

हम आशा करते हैं कि आपको Zobox Success Story की जानकारी अच्छी और मोटिवेशनल लगी। ऐसे ही ओर भी आर्टिकल पढ़ने के लिए हमारा टॉपस्टोरीज पेज जरूर विजिट करें।

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